
मुझे लगता है इन गुरुओं को इनके हाल में छोडना ही उचित रहेगा.चलिए अब बात करते है कि नए घर में प्रवेश करने से पहले हमें किन - किन तिथियों एवं महीनों पर ध्यान देना चाहिए एवं ये हम पर किस तरह का प्रभाव डालते हैं .
यहाँ हमें एक बात पर और ध्यान देना चाहिए कि यदि हम अपने पुराने भवन को पुनः नया बनवाकर उसमे गृह प्रवेश करते है तो अपनी सुविधा के अनुसार आप उस घर में रहने के लिए जा सकते सिर्फ वास्तु पूजन ही पर्याप्त है ,तिथियों के अनुसार गृह प्रवेश जरूरी नहीं है .
- नए घर में प्रवेश उत्तरायण सूर्य में वास्तु पूजन करके ही करना चाहीये | उसके पहले वास्तु का जप यथाशक्ती करा लेना चाहिये.
- शास्त्रानुसार गृह प्रवेश में माघ ,फाल्गुन ,वैशाख, ज्येष्ठ , आदि मास शुभ बताये गये है | माघ महीने में प्रवेश करने वाले को धन का लाभ होता है.
- जो व्यक्ति अपने नये घर में फाल्गुन मास में वास्तु पूजन करता है , उसे पुत्र,प्रौत्र और धन प्राप्ति दोनो होता है.
- चैत्र मास में नवीन घर में प्रवेश के लिये जाने वाले को धन का अपव्यय सहना पडता है |
- गृह प्रवेश बैशाख माह में करने वाले को धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है |
- जो व्यक्ति पशुओ एवँम पुत्र का सुख चाहता हो, ऐसे व्यक्ति को अपने नये मकान मे ज्येष्ठ माह में करना चाहिए.
- शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर कृष्णपक्ष की दशमी तिथी तक वास्तुनुसार गृह प्रवेश वंश वृध्दि दायक माना गया है, धनु एवं मीन राशि के सूर्य यानी कि मलमास में भी नये मकान में प्रवेश नहीं करना चाहिए.
- जिस मकान का द्वार दक्षिण दिशा में हो तो गृह प्रवेश एकम् , छठ , ग्यारस आदि तिथियों में करना चाहिए
- दूज , सप्तमी तिथि को पश्चिम दिशा के द्वार के गृह प्रवेश के लिए श्रेष्ठ बताया गया है
नए घर में पहली बार
Reviewed by Unknown
on
February 09, 2012
Rating:

No comments: